Adam Grant's thoughts in Hindi
एडम ग्रांट अमेरिकी व्यक्तित्व विकास विशेषज्ञ, लेखक, टेड टॉक वक्ता और व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस के प्राध्यापक हैं।
ग्रांट ने 1981 में विर्जिनिया बीच, वर्जिनिया, अमेरिका में जन्म लिया था। उन्होंने मिशिगन यूनिवर्सिटी से अपनी स्नातकीय शिक्षा पूरी की और पेन्सिल्वेनिया यूनिवर्सिटी से अपनी स्नातकोत्तर शिक्षा ली। इसके बाद वे व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस से डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने के लिए गए थे।
उनका करियर व्यक्तित्व विकास और व्यवसाय में आधारित है। उन्होंने व्हार्टन स्कूल ऑफ बिजनेस में विशेषज्ञ पद पर काम किया है। वे अपनी पहली पुस्तक "Give and Take: A Revolutionary Approach to Success" के साथ लेखक के रूप में पहचान बनाने लगे। इसके बाद, उन्होंने अपनी अन्य दो पुस्तकों "Originals: How Non-Conformists Move the World" और "Option B: Facing Adversity, Building Resilience, and Finding Joy" लिखी हैं।
उन्होंने अपने शोध के लिए विभिन्न पुरस्कार जीते हैं, जिसमें टॉप 40 अंडर 40 वायरफ्रेम और एक टाइम मैगज़ीन के 100 सबसे प्रभावशाली लोगों में से चुने जाने के शामिल हैं। उन्होंने अपने अनुसंधानों से लोगों को सफलता के लिए कुछ मूल तत्वों का पता लगाने में मदद की है। उन्होंने अपने काम के लिए विशिष्ट पहचान बनाई है और उनके विचारों ने लोगों की सोच को बदलने में मदद की है।
उनके विचार निम्नलिखित हैं:
१. लोगों के साथ अधिक संवेदनशील और मेहरबान बनने की कोशिश करें। लोग आपको ज्यादा याद रखेंगे जो आपके साथ अधिक जुड़े होंगे।
२. लोगों के साथ खुले मन से बात करें। आप जो बात कहते हैं, उससे लोगों को प्रभावित किया जा सकता है।
३. अपने बारे में भी सुनें। यदि आप अपनी बात सुनने के लिए खुले मन से तैयार नहीं हैं, तो लोग आपको सुनने के लिए तैयार नहीं होंगे।
४. निरंतर सीखते रहें। नई चीजों को सीखना आपके दिमाग को ताजगी और स्फूर्ति देगा।
५. लोगों के लिए उपलब्ध हों। आप अपनी मदद के लिए उपलब्ध होने से लोगों को आप पर विश्वास करेंगे।
६. सहयोग का उपयोग करें। आप एकल नहीं होंगे और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सहयोग का उपयोग कर सकते हैं।
७. स्वतंत्र सोच रखें। लोगों को समझने के लिए उनसे पूछते रहें और उनके विचारों का सम्मान करें।
एडम ग्रांट के विचारों से हम सीखते हैं कि सफलता और संतुष्टि के लिए हमें दूसरों के साथ सहयोग करना चाहिए। इसके अलावा, हमें सीखना चाहिए कि अपनी बात को साफ़ तरीके से प्रभावशाली ढंग से कहना चाहिए ताकि लोग हमारी बात सुनें और हमारे विचारों को समझें।