Teri Hasi Shayari | Muskurahat Shayari | Muskaan Shayari
होठों से ये मुस्कुराहट,
कभी होने ना पाए ओझल,
तेरी आंखों के
आसुओं से,
कभी बिखरे ना ये काजल।
तेरी मुस्कुराहट से बढ़ती हैं,
हमेशा ही उम्र हमारी,
छा जाती
है खुशी चारो और,
जहा शिरकत होती है तुम्हारी।
मैं अक्सर तन्हा रहता हूँ भीड़ में,
फिर तुम्हारी याद आती है,
और मुस्कराहट साथ हो जाती है।
एक झलक तेरी जो आंखों में बस जाती है,
एक हंसी तेरी जो दिल में उतर
जाती है,
अकेले में जब भी तेरी याद आती है,
तेरे चेहरे से
हँसी चली जाती है।
जबसे दूर गयी हो, कही खो से गया हु,
मेरी मुस्कुराहट कब लौटाओगी,
कब तक मेरी जान लौट कर आओगी।
मैं अपने मुस्कराहट की आड़ में,
अपनी बेचैनी छुपा लेता हूँ,
मुस्कुराहटें सबके साथ बाँटी जा सकती हैं,
बेचैनी नहीं।
अब नया दौर है ये कोई नहीं किसी का,
हर आदमी अकेला हर चेहरा
अजनबी-सा,
आँसूं न मुस्कराहट, जीवन का हाल ऐसा,
अपनी ख़बर नहीं है,
माया का जाल ऐसा।
तेरी चाहत भी नहीं,
दिल को राहत भी नहीं,
चाहे दूर रहो या पास,
अब वो पहले सी ज़िंदगी में मुस्कराहट भी नहीं।
गुनाह ये नहीं तेरा कि,
मुस्कुराहट छीन ली मेरी,
गुनाह ये है
कि मेरी बेबसी पर,
तुम मुस्कुराते हो।
छुपाके दर्द अपना अपने ही पैरों में,
वो हम सब के लिए मुस्कुराहटें
बाँट रही है,
पाने को उसकी मुस्कुराहट हमें,
बस चंद सिक्के ही तो
चुकाने हैं।
दिल्लगी थी या दिल की लगी,
कहां समझ पाए तुम,
होठों की
मुस्कुराहट देखी,
आंखों की नमी कहां पढ़ पाए तुम।
बडी ही बेरहमी से नोच कर,
लबों से मुस्कुराहट हमारी,
फिर वो
सादगी से पूछते हैं हमसे
“क्या है कोई ख़्वाहिश तुम्हें अब मुस्कुराने
की”?
हम गरीब लोग हैं,
किसी को मोहब्बत के सिवा क्या देंगे?
एक
मुस्कुराहट थी,
वो भी एक बेवफा ने छीन ली।
आज आईना देख़ हमने,
एक मुस्कराहट ख़र्च कर दी,
सोचा क्या पता
अगली बार तो,
दोनों शायद टुकड़ों में ही मिलें।
अमीरों के चेहरे पे कभी, मुस्कान नहीं होती,
गरीब के चेहरे पे कभी,
थकान नहीं होती,
सब कुछ खरीद सकती है, दौलत इस दुनिया में,
पर शुक्र
है मुस्कुराहट, किसी की गुलाम नहीं होती।
हम ना अजनबी हैं ना पराए हैं,
जिंदगी और हम एक रिश्ते के साए हैं,
जब भी जी चाहे महसूस कर लीजिएगा,
हम तो जिंदगी तेरी मुस्कुराहट में
समाए हैं।
भीगे मौसम की खुशबु हवाओं में हो,
आपके साथ का एहसास इन फिजाओं में
हो,
यूहीं सदा रहे आपके होंठो पे मुस्कुराहट,
इतना असर मेरी दुआओं
में हो।
लबों पर मुस्कराहट है,
मगर साँसों में तूफ़ान है,
ये मैं जानू,
या तुम जानो,
इशारा हो तो ऐसा हो।
खंदब-ए-लब से न खो बैठो तुम होश अपने,
अंजाम भी कोई चीज है,
मुस्कराहट तो फक़त दाखिले का खत होती है।
यूं ही मुस्कुराती रहो,
की मुस्कुराहट ही जिंदगानी है,
तुम्हारी आंखों का जो काजल है,
मेरे लिए गंगा का पानी है।
मुझे ख़स्ता हाल देख कर,
तेरे फूल से होंठ खिल उठे,
मुझे अपने
हाल का ग़म नहीं,
तेरी मुस्कराहट का शुक्रिया।
कुछ चीज़ें बेवजह होती है,
बातो का मतलन ढूंढने से अच्छा,
बातो
को समझना और जी लेना सीखो,
ज़िन्दगी की मुस्कुराहट फिर लौट आएगी।
मोहब्बत के फूल तेरे नाम करते हैं,
तेरी मुस्कुराहटों को सलाम करते
हैं,
बन जाये तेरी ज़िंदगी खुशियों का घर,
ये दुआ हम तुम्हारे लिए
सुबह शाम करते हैं।
कितना कुछ जानता होगा,
वो इंसान मेरे बारे में।
जो मेरी
मुस्कुराहट देख उसने,
कहा चल बता उदास क्यूं है।
राहत भी और चाहत भी अपनों से मिलती है,
अपनों से कभी रूठना नहीं
क्यों की,
मुस्कराहट भी सिर्फ अपनों से मिलती है।
कितना कोशिश करते हैं,
तुम्हे छिपा कर रखने की सबसे,
लेकिन
हमारी मुस्कराहट में,
लोग तुम्हे ढूंढ ही लेते है हमेशा।
खिलखिलाती सुबह, ताजगी से भरा सवेरा है,
फूलों और बहारों ने आपके लिए
रंग बिखेरा है,
सुबह कह रही है जग जाओ,
आपकी मुस्कुराहट के बिना सब
अधूरा है
तू हुस्न हैं मेरी हर गज़ल का,
सितारे सदका हैं तेरे आँचल का,
मुस्कुराहट सजी रहे तेरे लबों पर,
दिलरुबा तू होश हैं किसी पागल
का।
हम ना गैर हैं ना पराए हैं,
आप और हम एक मोहब्ब्त के साए हैं,
जब भी दिल चाहे आजमा लेना,
हम तो आपकी मुस्कुराहट में समाए हैं।
बहुतो के दिल टूटे हैं जिन्होंने,
उनकी मुस्कुराहट को मोहब्बत समझा
हैं,
संभल जाओ दिल के सौदागरों,
दर्द की कहानियां बढती जा रही
हैं।
तेरी मुस्कराहट मेरी पहचान है,
तेरी खुशी ही मेरी जान है,
कुछ
भी कीमत नहीं मेरी ज़िन्दगी में,
तेरा दोस्त होना ही मेरी शान है।
खामोश हो लब तो,
मुस्कुराहट दिल के राज़ खोल देती है,
दर्द का
आईना दिखे ना दिखे,
आँखे भी कभी ऐतराज बोल देती है।
तुझे पहचानते हैं हम तेरी आहट से,
चाँद शरमाता हैं तेरी मुस्कुराहट
से,
सादगी भी तेरी कयामत ढहाती हैं,
तू पाक हैं यारां, हर बनावट
से।
ज़माना देता हैं ताने मुझ को,
जो तेरी इतनी फिक्र करता हुँ,
जो
पुछे कोई मतलब ज़िंदगी का,
तेरी मुस्कुराहट का ज़िक्र करता हुँ।
इन झुमको के घुँघरोऒ की खनखनाहट,
और इन लबों पर बेवजह की मुस्कुराहट,
मैं और तुम से ‘हम’ होने की आहट है।
उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,
नज़र उठाओ सामने ज़िन्दगी खड़ी है,
अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना,
आपकी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया
पड़ी है।
कितना कोशिश करते हैं,
तुम्हें छिपा कर रखने की सबसे,
लेकिन
हमारी मुस्कराहट में लोग,
तुम्हें ढूंढ ही लेते हैं हमेशा।
पलकों को झुका कर हम सलाम करते हैं,
दिल की हर दुआ में तुम्हरा नाम
करते हैं,
कबूल हो तो बस मुस्कुरा देना,
आपक मुस्कराहट का एतराम करते
हैं।
मुस्कुराहट है हुस्न का ज़ेवर,
मुस्कुराना न भूल जाया करो,
हद
से बढ़ कर हसीन लगते हो,
झूटी क़स्में ज़रूर खाया करो।
दबे होंटों की मुस्कराहट को भी,
इक़रार-ए-इश्क़ कहते हैं,
किस
किस तरह छुपाऊं अब मैं तुम्हें,
मेरी मुस्कान में भी तुम नजर आने लगे
हो।
तेरी खुशियों पर मुस्कराने को जी चाहता है,
हो तुझे दर्द तो उदास
होने को जी चाहता है,
तेरी मुस्कराहट ही इतनी प्यारी है कि,
तुझे बार
बार हँसाने को जी चाहता है।
राहत भी अपनों से मिलती हे,
चाहत भी अपनों से मिलती हे,
अपनों
से कभी रूठना नही,
क्यूकी मुस्कुराहट भी अपनों से मिलती हे।
मुझे इतनी फुरसत कहाँ,
कि अपनी तकदीर का लिखा देखू,
बस माँ की
मुस्कराहट देखकर समझ जाती हूँ की,
मेरी तकदीर बुलंद हैं।
दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,
होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है,
ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,
इसलिए हम अपने आँसुओ को छुपा
कर रखते है।
मुस्कराहट का कोई मोल नहीं हो सकता है,
कुछ रिश्तो का कोई तोल नहीं
हो सकता है,
हमेशा मुक्सुराते रहिये,
आपके होंठो की हसी जिन्दा रहने
की वजह देती है।
मुस्कराहट का कहाँ कोई मोल है,
रिश्ते बहुत है जो बहुत गोलगोल है,
लोग तो मिल जाते है हर मोड़ पर,
हर कोई आप की तरह कहाँ अनमोल है।
बहुत खूबसूरत है तेरी मुस्कुराहट,
थोड़ा और मुस्कुराया कर,
सोचता हूँ देखता ही रहू तुम्हे,
कब दिखेगा हर रोज मुझे बताया कर।
तेरी सूरत सारे ज़माने में अच्छी लगे,
तेरी कहानी अफसाने में अच्छी
लगे,
तेरी मुस्कुराहट की खातीर जान कुरबान,
तेरी जवानी मेरे तराने
में अच्छी लगे।
आज की नई सुबह इतनी सुहानी हो जाए,
आपके दुखों की सारी बातें पुरानी
हो जाएं,
दे जाए इतनी खुशियां ये जिंदगी आपको,
कि ख़ुशी भी आपके
मुस्कुराहट की दीवानी हो जाएं ।
बहुत खूबसूरत है तुम्हारी मुस्कराहट,
पर तुम मुस्कुराते कम हो,
सोचता हूँ देखता ही रहूँ तुम्हे,
पर तुम नज़र आते ही कम हो।