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महाकाल शिव शायरी इन हिन्दी | शिव भक्ति महादेव शायरी स्टैटस

महाकाल शायरी ,शिव शायरी इन हिन्दी | शिव भक्ति शायरी ,महादेव स्टैटस ,भक्ति शायरी इन हिन्दी


लोग कहते हे अगर हाथों की लकीरें,
अधूरी हो तो किस्मत अच्छी नही होती,
लेकिन हम कहतें हे की सर पर,
महाकाल का हाथ हो तो, लकीरों की ज़रुरत नही होती।


मझधार में नैया हैं, बड़ा दूर किनारा हैं,
अब तू ही बता मेरे महाकाल यहां तेरे सिवा,
कौन अपना, और कौन पराया हैं।


आसमान में महाकाल है,
जलने के बाद सब कंकाल है,
उज्जैन की भस्म आरती में त्रिकाल है,
तभी तो मेरे हर काल को निपटाने वाले मेरे महाकाल है।


ना पूछो मुझसे मेरी पहचान,
मैं तो भस्मधारी हूँ,
भस्म से होता जिनका श्रृंगार
मैं उस महाकाल का पुजारी हूँ।


बाबा की तारीफ करूँ कैसे,
मेरे शब्दों में इतना जोर नहीं,
सारी दुनिया में जाकर ढूंढ लेना,
मेरे महाकाल जैसा कोई और नहीं।


महाकाल के भक्तो की खैरियत मत पुछो प्यारो,
ये तो अपनी ही मौज में रहते है,
पल पल प्रेम आँसु पिया करते है,
हर लम्हा महाकाल के चरणो में जिया करते है।


नजर पड़ी महाकाल की मुझ पे,
तब जाके ये संसार मिला।
बड़े ही भाग्यशाली शिवप्रेमी हैं हम,
जो महाकाल का प्यार मिला।


महाकाल तुम से छुप जाए मेरी तकलीफ,
ऐसी कोई बात नही,
तेरी भक्ती से ही पहचान हैं,
मेरी वरना मेरी कोई औकात नही।


महाकाल की सेवा जिसको मिले,
सबसे बड़ा धनवान हैं वो,
महाकाल की लगन जिसको लगी,
किस्मत वाला इंसान हैं वो।


करनी हैं महाकाल से गुजारिश,
आपकी भक्ति के बिना कोई बन्दगी ना मिले,
हर जन्म मे मिले आप जैसा गुरू,
या फिर ये जिन्दगी ना मिले।


लोग कहते हैं किसके दम पे उछलता है तू इतना,
मैंने भी कह दिया जिनकी चिलम के,
हुक्के की दम पर चल रही ये दुनिया है,
उन्हीं महाकाल के दम पे उछलता ये बंदा है।


आसमान में महाकाल हैं, जलने के बाद सब कंकाल है,
उज्जैन की भस्म आरती में त्रिकाल हैं,
तभी तो मेरे हर काल को निपटाने वाले मेरे महाकाल हैं।


तैरना हैं तो समंदर में तैरो,
नदी नालों में क्या रखा हैं,
प्यार करना हैं तो महाकाल से करो,
इन बेवफाओ में क्या रखा हैं।


नाम इतना जपो कि, महाकाल धड़कन में उतर जाये,
साँस भी लो तो खुशबू महाकाल दरबार की आये,
महाकाल का नशा दिल पर ऐसा छाए,
बात कोई भी हो पर नाम जय श्री महाकाल ही जिव्हा पर आये।


काट देंगे वो हाथ जो मिटाये नाम महाकाल का,
चुम लोंगे वो हाथ जो लिखे नाम महाकाल का,
कितने प्यारे हैं वो लोग,
जो लेते हैं रोज नाम महाकाल का।


वो समंदर ही क्या जिसका कोई किनारा ना हो,
वो इबादत ही क्या जिसमे महाकाल नाम तेरा हैं हो।
सरगम की सब धुन कानो को लगती हैं मधुर,
वो धुन ही क्या जिसमे महाकाल नाम पुकारा ना हो।


महाकाल के नाम को अपनी रुह में उतार लूं,
पूरी जिंदगी बाबा की चाहत में सवार लूं,
मुलाकात हो कुछ इस तरह बाबा महाकाल का,
तमाम उम्र बस एक मुलाकात में गुजार लूं।


भुलेंगें वो भुलाना जिनका काम है,
मेरी तो महाकाल के बिना गुजरती नही शाम है,
कैसे भूलूँ मै महाकाल को,
जो मेरी जिदगी का दुसरा नाम है।


मौत की गोद में सो रहे हैं, धुंए में हम खो रहे है,
महाकाल की भक्ति है सबसे ऊपर,
शिव शिव जपते जाग रहे है, सो रहे हैं।


बीमारे मोहब्बत हूँ दवा मांग रहा हूँ,
मेरे बाबा के दामन की हवा मांग रहा हूँ,
ज़ंज़ीर बांध क़र मुझे ले चलिए, महाकाल के पास,
मुजरिम हूँ आपके दर्शन की सज़ा मांग रहा हूँ।


मैं चूम लू मौत को अगर,
मेरी एक प्रार्थना वो स्वीकारती हो,
बस मेरी चिता की राख से,
बाबा महाकाल की भस्माआरती हो।


कुछ सोचूं तो, आपका ख्याल आ जाता है,
कुछ बोलूं तो होठों पर, आपका नाम आ जाता है,
कब तलक बयाँ करूँ दिल की बात, आपके सामने,
हर सांस में अब महाकाल, आपका एहसास आ जाता है।


महाकाल वो हस्ती है,
जिससे मिलने को दुनिया तरसती है,
ओर हम ऊसी महफिल मे बैठते है,
जहा महाकाल की महफिल सजती है।


नीम का पेड कोई चन्दन से कम नही,
उज्जैन नगरी कोई लन्दन से कम नही,
जहाँ बरस रहा है. मेरे महाकाल का प्यार,
वो दरबार भी कोई जन्नत से कम नही।


भोले तूने तो सारी दुनिया तारी हैं,
कभी मेरे सर पे भी धर के हाथ,
कह दे चल बेटा आज तेरी बारी हैं।


कृपा जिनकी मेरे ऊपर,
तेवर भी उन्हीं का वरदान है,
शान से जीना सिखाया जिसने,
महाकाल उनका नाम है।


प्रभु की बनाई कुदरत नहीं देखी,
दिलों में छुपी दौलत नहीं देखी,
जो कहते है भगवान नहीं इस दुनिया में,
शायद उसने अभी तक उज्जैन में
महाकाल की चौखट नहीं देखी।


ये केसी घटा छाई हैं,
हवा में नई सुर्खी आई है,
फ़ैली है जो सुगंध हवा में ,
जरुर महादेव ने चिलम लगाई है।


मेरे जिस्म जान में भोलेनाथ नाम तुम्हारा है,
आज अगर मैं खुश हूँ तो यह एहसान भी तुम्हारा है,
थामा हुआ है हाथ मेरा आपने मुझको मालूम है,
मेरे हर पल, हर लम्हे में मेरे भोलेनाथ, प्यार तुम्हारा है।


शेरो वाली दहाड़ फ़िर सुनाने आए है,
आग उगलने को फ़िर परवाने आये है,
रास्ता भी छोड़ दिया स्वयं काल ने,
जब देखा उसने महाकाल के दीवाने आए है।


जख्म भी भर जायेगे, चेहरे भी बदल जायेगे,
तू करना याद महाकाल को,
तुझे दिल और दिमाग मे सिर्फ और सिर्फ,
महाकाल नजर आयेगे।


इश्क में पागल छोरे छोरियाँ,
वेलेन्टाईन डे के गुलाब बिन रहे हैं,
हम तो बाबा महाकाल के दिवाने हैं,
शिवरात्री के दिन गिन रहै हैं।


मैं नही कहता मैं साधु हूँ, ना ही संत हूँ,
मैं तो महादेव का एक तुच्छ सा भक्त हूँ।
मैं तो महादेव से ही शुरू हूँ
और महादेव पर ही अंत हूँ।


अपने जिस्म को इतना ना सँवारो,
यह तो मिट्टी में ही मिल जाना हैं।
सँवारना हैं तो अपनी रूह को सँवारो,
क्योंकि उस रूह को ही महाकाल के पास जाना हैं।


जब जब लगने लगे डर,
ले लो नाम दिल से महाकाल का,
खुद काल भी ढोक लगाए,
ऐसा है असर प्रभु के नाम का।


तेरी जटाओं का एक छोटा सा बाल हूँ,
तेरे होने से मैं बेमिसाल हूँ।
तेरे होते मुझे कोई छू भी ना पाये,
क्योंकि मेरे भोलेनाथ, मैं तेरा लाल हूँ।


फुरसत नहीं हैं इंसान को,
घर से महाकाल के मंदिर तक जाने की
और ख्वाहिश रखते हैं,
शमशान से सीधा स्वर्ग जाने की।


काबिल ए तारीफ हैं वो ज़िन्दगी,
जो महाकाल के चरणों में जगह बनाती हैं।
छोड़कर दुनिया की तमाम फ़िज़ूल बाते
महाकाल के नाम में रम जाती हैं।


भूल कर एक भक्त के दर काल आ गया,
उस भक्त की जुबां पर महाकाल आ गया
सुनकर महाकाल का नाम काल बेहाल हो गया।


ऐ जन्नत अपनी औकात में रहना,
हम तेरी जन्नत के मोहताज नही।
हम गुरू भोलेनाथ के चरणों के वासी हैं
वहाँ तेरी भी कोई औकात नही।


कहता है की मौत सामने आएगा, तो मै डर जाऊंगा,
कैलास तक चलने वाला भोलेनाथ का दीवाना हूँ,
मौत को भी हर हर महादेव कर के निकल जाऊंगा।


इतना ना सजा करो मेरे महाकाल,
आपको नज़र लग जायेगी,
और उस मिर्ची की क्या औकात,
जो आपकी नज़र उतार पाएगी।


लोगों से उम्मीदें मैं कम रखता हूं,
महाकाल का आशीर्वाद और अपनी मेहनत से,
जहान जीतने का मैं दम रखता हूं।


शतरंज की चालो का खौफ उन्हें होता है,
जो सियासत करते हैं,
हम तो अखंड ब्रम्हांड के राजा महाकाल के भक्त हैं,
ना हार की फिक्र करते हैं, और ना जीत का जिक्र करते हैं।


हमारे जिस्म जाएंगे शमशान तक,
महादेव तक हमारे दिल जाएंगे,
सबको हंसकर बुलाया करो दोस्त,
महादेव तुम्हें भी मिल जाएंगे।


महादेव की यादें महादेव की बाते,
बस महादेव के ही फसाने है,
हां हम कबूल करते है कि,
हम महादेव के दीवाने है।


गुलशन तो तुम हो मेरे महाकाल,
बहारों का मैं क्या करूं,
नजरों में तो बस तुम ही बसे हो,
तो मैं इन नजरों का क्या करूं।


वो गुरु है मेरा वो मित्र है मेरा,
वो साथ है मेरा वो विश्वास है मेरा,
वो मार्गदर्शक है मेरा वो शासक है मेरा,
वो मेरा मैं उसका वो महाकाल है मेरा।


अच्छे कर्मों से बड़ी राहत क्या होगी,
नेकी से बड़ी इबादत क्या होगी,
जिस इंसान के सर पर साया हो महाकाल का,
उसे जिंदगी से शिकायत क्या होगी।

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