Pyar Mohabbat Love Shayari in Hindi | प्यार मोहब्बत लव शायरी
तुम दूर हो तो
पास आने का मन नही करता
प्यार है तो
दिल लगाने का मन नहीं करता
अगर वो अपनी मोहब्बत हमें बना लें;
हम उनका हर ख्वाब अपनी पलकों पे सजा लें;
करेगी कैसे मौत हमें उनसे जुदा;
अगर वो हमें अपनी रूह में बसा लें।
उनके साथ रहते रहते हमें चाहत सी हो गई है,
उनसे बात करते करते हमें आदत सी हो गई है,
एक पल भी ना मिले तो नजाने बेचैनी सी रहती है,
दोस्ती निभाते निभाते हमे उनसे मोहब्बत सी हो गई है…
एक वादा किया था एक वादा निभाने के लिए;
एक दिल दिया था एक दिल पाने के लिए;
उसने मोहब्बत सिखा दी और कहा;
मैंने तो प्यार किया था तुम्हें आज़माने के लिए।
ऐ मोहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया;
जाने क्यों आज तेरे नाम पे रोना आया;
यूँ तो हर बात शाम उम्मीदों में गुज़र जाती है;
आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया।
कभी ना गिरना कमाल नहीं;
बल्कि गिरकर संभल जाना कमाल है;
किसी को पा लेना मोहब्बत नहीं;
बल्कि किसी के दिल में जगह बनाना कमाल है।
कहा ये किसी ने कि फूलों से दिल लगाऊं मैं;
अगर तेरा ख्याल न सोचूं तो मर जाऊं मैं;
माँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत का;
आ जाऊं इम्तिहान पे तो हद से गुज़र जाऊं मैं।
कहा से लाऊ हुनर उसको मनाने का,
कोई जवाब नहीं था उसके रूठ जाने का,
मोहब्बत में सजा मुझे ही मिलनी थी,
क्यों की जुर्म मैंने किया हे उससे दिल लगाने का…
किसी को चाहने का कोई बहाना नहीं होता,
दिल लगाने से कोई दीवाना नहीं होता,
आशिक़ी सीखनी है तो हमसे सीखो,
मोहब्बत करने का मतलब सिर्फ उसे पाना नहीं होता…
किसी ना किसी पे ऐतबार हो जाता है,
अजनबी कोई शख्स यार हो जाता है,
खुबियों से नही होती मोहब्बत सदा,
कमियों से भी अक्सर प्यार हो जाता है…
क्या अजीब सबूत माँगा
उसने मेरी मोहब्बत का,
मुझे भूल जाओ तो मानू की
तुम्हे मुझसे मोहब्बत है…
चाहत तेरी पहचान है मेरी;
मोहब्बत तेरी शान है मेरी;
हो के जुदा तुझसे क्या रह पाउँगा;
तू तो आखिर जान है मेरी।
जब आप किसी से रूठ कर नफरत से बात करो,
और
वो उसका जवाब मोहब्बत से दे,
तो समझ जाना के वो आपको खुद से ज्यादा प्यार करता है…
जब प्यार किसी से होता है,
हर दर्द दवा बन जाता है,
क्या चीज मोहब्बत होती है,
एक शख्स खुदा बन जाता है…
जब प्यार के एहसास को समझ जाओगे;
हर तरफ मेरा ही नाम पाओगे;
मेरी मोहब्बत उस वक़्त देगी आवाज़;
जब तुम भीड़ में खुद को अकेला पाओगे।
जब मुझसे मोहब्बत ही नहीं तो रोकते क्यों हो,
तन्हाई में मेरे बारे में सोचते क्यों हो,
जब मंजिले ही जुदा है तो जाने दो मुझे,
लौट के कब आओगे ये पूछते क्यों हो?
जब से देखा है तेरी आँखों में झाँक कर;
कोई भी आईना अच्छा नहीं लगता;
तेरी मोहब्बत में ऐसे हुए हैं दीवाने;
तुम्हें कोई और देखे तो अच्छा नहीं लगता।
जमाने का ये दस्तुर कैसा,
प्यार को पाना ये कसुर कैसा,
अगर मोहब्बत गुनाह है जमाने मे,
तो फिर इंसानो को मोहब्बत सिखानेवाला वो खुदा बेकसुर कैसा…
जिसकी आरजु थी उसका ही प्यार ना मिला,
बरसो जिसका इंतजार किया उसका ही साथ ना मिला,
अजीब खेल है ये मोहब्बत का,
किसीको हम ना मिले और कोई हमे ना मिला…
तु मिले या ना मिले मेरी किस्मत की बात है,
राह-इ-इश्क़ मे खुद को जरूर आजमाऊँगा मै,
कर दिया तुझपे फ़िदा ऐ जान अपना दिल,
के अब किसी और से कभी मोहब्बत ना कर पाउँगा मै…
तुम हँसों तो खुशी मुझे होती है;
तुम रूठो तो आँखें मेरी रोती हैं;
तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है;
महसूस करके देखो मोहब्बत ऐसी ही होती है।
तेरी मोहब्बत में एक अजब सा नशा है;
तभी तो सारी दुनिया हमसे ख़फ़ा है;
ना करो तुम हमसे इतनी मोहब्बत;
कि दिल ही हमसे पूछे बता तेरी धड़कन कहाँ है।
तेरे इश्क का कितना हसीन एहसास है,
लगता है जैसे हर पल तू मेरे पास है,
मोहब्बत तेरी दिवानगी बन चुकी है मेरी,
अब जिंदगी की आरजू सिर्फ तुम्हारे साथ है…
दर्द है दिल में पर उसको एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वह पास नहीं होता,
बर्बाद हो गए हम उनकी मोहब्बत मैं,
और वह कहते है इस तरह प्यार नहीं होता…
दुःख मे खुशी की वजह बनती है मोहब्बत,
दर्द मे यादों की वजह बनती है मोहब्बत,
जब कुछ भी अच्छा नही लगता दुनिया मे,
तब जीने की वजह बनती है मोहब्बत…
नजर ने नजर से मुलाक़ात कर ली;
रहे दोनों एक दम खामोश पर फिर भी बात कर ली;
कुछ समय बाद मोहब्बत की फ़िज़ा को तब जाना;
जब खुद को अकेला पाया और तब मेरी इन आँखों ने रो-रो के बात कर ली।
नशा मोहब्बत का हो या,शराब का,
होश दोनों में खो जाता है,
फर्क सिर्फ इतना है,शराब सुला देती है,
और मोहब्बत रुला देती है..!
ना जिकर करो मेरी अदा के बारे मे,
हम भी जानते है सब कुछ वफा के बारे मे,
सुना है वो भी मोहब्बत का शौक रखते है,
जिन्हे खबर ही नही कुछ वफा के बारे मे …
फ़िज़ा पर असर हवाओं का होता है;
मोहब्बत पर असर अदाओं का होता है;
कोई ऐसे ही किसी का दीवाना नहीं होता;
कुछ कसूर तो निगाहों का होता है।
बड़ी आसानी से दिल लगाए जाते हैं;
पर बड़ी मुश्किल से वादे निभाए जाते हैं;
ले जाती है मोहब्बत उन राहों पर;
जहाँ दीये नहीं दिल जलाए जाते हैं।
बरसों गुजर गए रोकर नहीं देखा;
आँखों में नींद थी सोकर नहीं देखा;
वो क्या जाने दर्द-ऐ-मोहब्बत क्या है;
जिसने कभी किसी का होकर नहीं देखा।
बिना देखे उसका हाल बता सकता हूँ;
बिना देखे उसकी तस्वीर बना सकता हूँ;
मेरी मोहब्बत में इतनी ताक़त है कि;
उसकी आँखों के आँसू अपनी आँख से गिरा सकता हूँ।
बेखुदी की ज़िन्दगी हम जिया नहीं करते ,
जाम दुसरो से छीनकर हम पिया नही करते
उनको मोहब्बत है तो आकर इज़हार करें ,
पीछा हम भी किसी का किया नहीं करते ..!!
मंज़िल दूर और सफ़र बहुत है,
छोटे से इस दिलको फिकर बहुत है,
मार डालती कब की ये दुनिया हमे,
पर कम्बख्त आपकी मोहब्बत में असर बहुत है…
मुझे किसी से मोहब्बत नहीं सिवा तेरे,
मुझे किसी की जरुरत नहीं सिवा तेरे !
मेरी नजर को थी तलाश जिसकी बरसो से,
किसी के पास वो सूरत नहीं सिवा तेरे !
मेरी मोहब्बत है वो कोई मजबूरी तो नही,
वो मुझे चाहे या मिल जाए जरूरी तो नही,
ये कुछ कम है के बसा है वह मेरी सांसों मे,
वो सामने हो मेरी आँखों के यह जरूरी तो नही…
मोहब्बत का सहारा मिल गया है,
कोई शख्स प्यारा सा मिल गया है,
वो ऐसे आई है ज़िन्दगी में मेरे,
जैसे कश्ती को किनारा मिल गया है…
मोहब्बत मिलना भी शायद तकदीर होती है,
बहुत कम लोगो के हाथो में ये लकीर होती है,
जुदा न हो कभी प्यार किसी का,
कसम खुदा की बड़ी तकलीफ होती है…
रख लू नज़र में चेहरा तेरा,
दिन रात ईस पे मैं मरती रहू,
जब तक ये साँसे चलती रहे,
मैं तुझसे मोहब्बत करती रहू..!
रोने की सजा है ना रुलाने की सजा है
ये दर्द मोहब्बत को निभाने की सजा है
हसते है तो आँख से निकल आते है आँसू
ये एक शख्स को बे-इंतहा चाहने की सजा है…
वादा हमने किया था निभाने के लिए,
एक दिल दिया एक दिल पाने के लिए,
उसने मोहब्बत सिखा दी और कहा,
हमने इश्क़ किया था, तुम्हे आज़माने के लिए…
वो जिंदगी ही क्या जिसमे मोहब्बत नही,
वो मोहब्बत ही क्या जिसमे मे यादे नही,
वो यादे ही क्या जिसमे तुम नही,
और वो तुम ही क्या जिसके साथ हम नही…
सच्ची है मेरी मोहब्बत, आज़मा के देख लो;
करके यकीन मुझ पे मेरे पास आ कर देख लो;
बदलता नहीं सोना कभी अपना रंग;
जितनी बार दिल करे आग लगा के देख लो।
सिर्फ सितारों में होती मोहब्बत अगर;
इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता;
बस पत्थर बनकर रह जाता ताज महल;
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान ना देता।
हमे आप की जान नही सिर्फ साथ चाहिए,
सच्चे इश्क़ का सिर्फ एक एहसास चाहिए,
जान तो एक पल मे दी जा सकती है,
पर हमे आपकी मोहब्बत आखरी सांस तक चाहिए…
होती नही मोहब्बत सुरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
सुरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी,
कदर जिनकी दिल मे होती है…