उम्मीद शायरी हिंदी में | Umeed Shayari in Hindi | Ummeed Shayari in Hindi
Kisi Se Umeed Mat Rakhna Apko Hum Se Badiya Shayari Nhi Milega. Jo Hindi Or English Me Rahega.Aapko Payar Ki Ummid Ya Job Ki Ummeed Sabhi Tarah Ka Shayari Dekhne Ko Milega.
उम्मीद शायरी हिंदी में
Umeed Shayari in Hindi |
सपनो की दुनिया सज़ा रखी है,
मोहब्बत की ज्योति जला रखी है,
मेरे दिल को टूटने से कोई बचा नहीं सकता,
क्योंकि
पत्थर दिल से प्यार की उम्मीद लगा रखी है
अंधेरे में भी चिराग उलफत जलाए रखना
तुफानो में भी ये शमा ना बुझना देना
खुदा ज़रूर मेहरबान होगा एक दिन देखना
उम्मीद के दामन में खुद को जगाए रखना .
अब उम्मीद के सहारे जीते हैं,
जहर को दवा समझ कर पी जाते हैं,
एक वो हैं जो हमें नही समझते,
एक हम हैं जो उनसे मिलने के इंतजार में जीते हैं
उम्मीद टूटी तो उम्मीद करना छोड़ दिया,
सपने टूटे तो सपने देखना छोड़ दिया,
जब से दिल टूटा है, साँसे तो ले रहे है,
पर अब मैंने जीना छोड़ दिया
उस दिल ए नादान को कैसें समझाए,
जो इस दिल की बेकरारी को ना समझें,
एक दिन वो ज़रूर हम से मिलने की तमन्ना करेंगे,
इस उम्मीद पें हम हमारी जिंदगी निसार कर दें
उसी रह पर हम उम्मीद
लेकर बेचैन हैं की वो आयेंगे,
मौत को भी गुज़ारिश
की तोड़ा इंतजार कर ले
एक उम्मीद के सहारे जी रहे हैं,
एक घूम-ए-जुदाई के रास्ते पें चले जा रहे हैं.
यह जिंदगी ही या शबाब का पेय मना,
किस्मत मैं है पीना आए अलीह पें जा रहे हैं!
कहते है जीते हैं उम्मीद पें लोग
हम को जीने की भी उम्मीद नही..
कही लोगों ने लिखा अपने दिल का वो हाल
हुए कुछ लोग उन में से भी घायल
अब उम्मीद करते है सभी लिखे क्या है उनका ख्याल
सिलसिला ये शायरी का चले और 25/30 साल.
हॅपी आनिवर्सयरी
umeed shayari in hindi
कोई उम्मीद भी बाक़ी ना रही ज़िंदगी मे अब
वो छ्छूद के चले गये दामन को झाड़ के
निगाहे आस से तकती हैं झलक पाने को
ये दिल ही जानता है अब कभी ना होगी सुबह
कोई गीला कोई शिकवा ना रहे आप से
ये आरजू है एक सिलसिला बना रहे आप से
बस एक बात की उम्मीद है आप से
दिल से डोर ना करना अगर डोर बी हैं आप से
चलता था कभी हाथ मेरा थाम कर जिस पर
करता हा बहुत याद वो रास्ता उसे कहना
उम्मीद वो रखे ना किसी ओर से साहिल
हर शख्स मोहब्बत नही करता उसे कहना .
छीन गई आखिरी उम्मीद भी दिल से "आसार"
ये सहारा है की अब कोई सहारा ना रहा
जानता हूँ में मेरा वक़्त मुझपे बेरहम है
मरहम तो ना मिला मिले पल पल तो बस जख्म है
इस दुनिया से में उम्मीद क्या रखूं
दुनिया भी तो उम्मीद पे कायम है .
जिनसे उम्मीद करी थी जो आयेगे
और मेरी कब्र सजायेगे,
वो ही मेरी कब्र के
पठार चुरा के ले गये
जीते थे कभी किसी के मोहब्बत के बिना
तुमने जो मोहब्बत सिखाई तो मुस्कुराना आ गया
नही मिलने की कोई उम्मीद इस दिल को
की अब दिल को तेरे बिना भी रहना आ गया
जो उम्मीद की राह पे
चले उन्हे मंज़िलों एन पनाह दी,
जिन्हे वासों ने डरा दिया
वो कदम कदम पर बहक गये
तुझसे उम्मीद ही बेवफा निकली आए खुद को वफ़ा कहने वाली,
की सोचता हूँ क्या तुझपे मेने जान लुटाई इस कदर !!
तुमसे यह उम्मीद ना थी कैसे कह गये तुम यह सब
जानते हमे तो मालूम होता वो सब है हमारे रुब्ब
प्यार तुमसे भी कम नही केरते जंगाए एब्ब यह सब्ब
अगर ना मिले तुम हुमको खुदा जाने जा निकेल जाए कब
Ummeed shayari in hindi
तू मेरे नसीब में नही है,
पर फिर भी तेरे आने की उम्मीद बाकी है....
प्यार करके भी तुझे प्यार कर नही सकते..
पर फिर भी तुझे प्यार करने की उम्मीद बाकी है....
तोड़ दो हर वो ख्वाब
हर ख्वाहिस तोड़ दो
मुझसे तो तुमने की
वो उम्मीद छोड़ दो .
दिल ना उम्मीद तो नही,
नाकाम हे तो है,
लंभी है गुम की शाम मगेर,
शाम हे तो है.
दिल पे उनके अपनी जीत हो जाए
पूरी दिल की उम्मीद हो जाए
वो जो आ के एक बार गले से लग जाएँ
तो फिर हमारी ईद हो जाए?
फिर से वो सपना सजाने चला हूँ;
उम्मीदों के सहारे दिल लगाने चला हूँ;
पता है कि अंजाम बुरा ही होगा मेरा;
फिर भी किसी को अपना बनाने चला हूँ।
बेवफा से वफ़ा की उम्मीद रखी थी
कांतो से खुसबू की उम्मीद रखी थी
मोहबत में दिल टूटने की उम्मीद रखी थी
खुदा से दो गाज़ ज़मीन की उम्मीद रखी थी
मुसीबत में तुम हमें चोर चले
जो थी तुम पर उम्मीद वो टोर चले
कैसे करें अब तुम पर यकीन
यकीन करना अब हम चोर चले
मालूम नही कब पूरा होगा ये लम्हा इंतजार का,
मालूम नही कब आएगी ये बहार प्यार की,
रहती हे अब तो तेरे आईने की उम्मीद,
कभी टूटने ना देना ये रिश्ता मोहब्बत का.
मैंने शायद उम्मीद तुझसे ज्यादा करली
प्यार की बात तुझसे ज्यादा करली
मैंने सोचा था की तू मुझे प्यार करेगा
मेरे उम्मीद से ज्यादा पर तूने तो दर्द-ए-बेवफ़ाई
मेरे उम्मीद से ज्यादा देदि.
मेरे मुह पे कफ़न ना पाना,
मुझे आदत है मुस्कुराने कि
मुझे यु मिट्टी मे ना दबाना,
मुझे उम्मीद है किसी के आने कि .
वाबस्ता हो गयी थी कुछ उम्मीदान आप से
उम्मीदों का चीरघ बुजाने क शुक्रिया
शाम होने से पहले लौट आना,
हम तेरे इंतजार में हैं,
सुबह शाम रहती है तेरे दीदार की उम्मीद,
अगर ना लौट पाओ तो बस इतना कर देना,
मेरी आखरी सांस होने से पहले ही लौट आना .
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सपनो की दुनिया सज़ा रखी है,
मोहब्बत की ज्योति जला रखी है,
मेरे दिल को अब कोई नही बचा सकता,
पत्थर दिल से प्यार की उम्मीद लगा रखी है..
हम से करते हैं उम्मीद के
हम उन के आँसू पोच्चें
कभी हम से है पूछा के
हमें दर्द क्या है
हमारी नज़रो से ज्यादा उम्मीद मत कर पगली,
क्यू की प्यार से देखना तो हमारी बचपन की आदत है!!
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