Shahadat Shayari | शहादत शायरी | देशभक्ति शायरी | शहीद शायरी | वतन शायरी
Shahadat Shayari
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लड़े वो वीर जवानों की तरह
ठंडा खून भी फ़ौलाद हुआ
मरते-मरते भी कई मार गिराए
तभी तो देश आजाद हुआ
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हिमालय से ऊंचा साहस उनका,
सर जो किसी के आगे ना झुका,
मातृभूमि के खातिर किया सब अर्पन,
ऐसे वीरो को मेरा नमन
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होगा तेरा हीरो सलमान खान
जो जमानत न मिलने पर रोया था
मेरा हीरो तो भगतसिंह है
जो फांसी मिलने पर भी मुस्कुराया था
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उनके हौसले का भुगतान देश क्या करेगा
उनकी शहादत का क़र्ज़ देश पर उधार है
आप और हम इस लिए खुश हैं क्योंकि
बॉर्डर पर सैनिक शहादत को तैयार हैं
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हम इन शुरवीरों की ये शहादत ,
इनका बलिदान करा रहा अब इनकी इबादत,
इनके सिवा कौन यूँ करता है, इस देश की हिफाज़त,
मरते मरते भी ये कह जाते हैं, देश रहा अब तुम्हारी अमानत !
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आओ झुक कर सलाम करे उनको
जिनके हिस्से मे ये मुकाम आता है
खुसनसीब होता है वो खून
जो देश के काम आता है
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कभी देशभक्ति के नाम पर
पलके हम भिगो देते हैं आँसू ,
तो कभी शहीदों की शहादत पर
अभिमान बन बरसते हैं
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तेरे दीदार की इस तमन्ना को मैं आदत कहूं
या मोहब्बत क्या पता...
तेरे लिए मर जाऊं तो खुदा की इनायत कहूं
या शहादत क्या पता...
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सर झुके बस उस शहादत में
जो शहीद हुए हमारी हिफाजत में !!
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इतनी सी बात हवाओ को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागो को जलाये रखना
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा अपने दिल मे बसाये रखना
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मुकम्मल है इबादत और मैं वतन ईमान रखता हूँ
वतन की शान की खातिर हथेली पर जान रखता हूँ
क्यों पढ़ते हो मेरी आँखों में नक्शा किसी और का
देशभक्त हूँ दिल में हिंदुस्तान रखता हूँ
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मेरी जिंदगी में सरहद की कोई शाम आए
काश मेरी जिंदगी मेरे वतन के काम आए
ना खौफ है मौत का ना आरजू है जन्नत की
ख्वाईश इतनी है शहीदों में मेरा भी नाम हो
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वतन वालो वतन ना बेच देना
ये धरती ये चमन ना बेच देना
शहीदों ने जान दी है वतन के वास्ते
शहीदों के कफन ना बेच देना
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कभी तपती धुप में चल के देखना
कैसे होती है हिफाजत अपने देश की
जरा सरहद पर जाकर देखना