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Ishq Shayari

मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही; वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही; ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो; सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही! खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये; इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे; कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये; चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये; हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर! ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में; मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी; मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा; और मेरी जान पैदल होगी! कोई छुपाता है, कोई बताता है; कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है; प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है; फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है! हम रूठे तो किसके भरोसे, कौन आएगा हमें मनाने के लिए; हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको; पर दिल कहाँ से लाये, आप से रूठ जाने के लिए! रात होगी तो चाँद दुहाई देगा; ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा; ये मोहब्बत है, ज़रा सोचकर करना; एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा! इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है; समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है; महबूब आये या न आये; पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है! दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग; तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग; जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन; तो उसे भी \सूर्य ग्रहण\ तक कहते हैं लोग! छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे; मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!
मेरी मोहब्बत है वो कोई मज़बूरी तो नही;
वो मुझे चाहे या मिल जाये, जरूरी तो नही;
ये कुछ कम है कि बसा है मेरी साँसों में वो;
सामने हो मेरी आँखों के जरूरी तो नही!

खफा न होना हमसे, अगर तेरा नाम जुबां पर आ जाये;
इंकार हुआ तो सह लेंगे और अगर दुनिया हंसी, तो कह देंगे;
कि मोहब्बत कोई चीज़ नहीं, जो खैरात में मिल जाये;
चमचमाता कोई जुगनू नहीं, जो हर रात में मिल जाये;

हमसे बदल गये वो निगाहें तो क्या हुआ
जिंदा हैं कितने लोग मोहब्बत किये बगैर!

ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में;
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी;
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा;
और मेरी जान पैदल होगी!

कोई छुपाता है, कोई बताता है;
कोई रुलाता है, तो कोई हंसाता है;
प्यार तो हर किसी को ही किसी न किसी से हो जाता है;
फर्क तो इतना है कि कोई अजमाता है और कोई निभाता है!

हम रूठे तो किसके भरोसे, कौन आएगा हमें मनाने के लिए;
हो सकता है, तरस आ भी जाए आपको;
पर दिल कहाँ से लाये, आप से रूठ जाने के लिए!

रात होगी तो चाँद दुहाई देगा;
ख्वाबों में आपको वह चेहरा दिखाई देगा;
ये मोहब्बत है, ज़रा सोचकर करना;
एक आंसू भी गिरा तो सुनाई देगा!

इश्क का जिसको ख्वाब आ जाता है;
समझो उसका वक़्त खराब आ जाता है;
महबूब आये या न आये;
पर तारे गिनने का तो हिसाब आ ही जाता है!

दो दिलो की मोहब्बत से जलते हैं लोग;
तरह-तरह की बातें तो करते हैं लोग;
जब चाँद और सूरज का होता है खुलकर मिलन;
तो उसे भी \सूर्य ग्रहण\ तक कहते हैं लोग!

छुपा लूं तुझको अपनी बाँहों में इस तरह, कि हवा भी गुजरने की इजाज़त मांगे;
मदहोश हो जाऊं तेरे प्यार में इस तरह, कि होश भी आने की इजाज़त मांगे!


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