ISHQ SHAYARI
न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके;
वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं;
यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम;
विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।
आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते;
दिल से आपको कैसे भुला पाते;
काश कि आप इस दिल के अलावा आईने में भी रहते;
देखते जब आइना खुद को देखने को तो वहाँ भी आप ही नज़र आते।
चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर;
जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र;
मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी;
मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।
आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी;
ख़ामोशी अब हर बात कह जाएगी;
पढ़ लो अब इन आँखों में अपनी मोहब्बत;
कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी।
ना मैं ख्याल में तेरे ना मैं गुमान में हूँ;
यकीन दिल को नहीं है कि इस जहान में हूँ;
खुदाया रखियेगा दुनिया में सरफ़राज़ मुझे;
मैं पहले इश्क़ के, पहले इम्तिहान में हूँ।
रूठी हो अगर ज़िंदगी तो मना लेंगे हम;
मिले जो गम अगर वो भी सह लेंगे हम;
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो;
निकलते हुए आँसुओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम।
यूँ नज़रों से आपने बात की और दिल चुरा ले गए;
हम तो समझे थे अजनबी आपको;
पर दे कर बस एक मुस्कुराहट अपनी;
आप तो हमें अपना बना गए।
इश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता है;
दीदार-ए-यार भी खुदा का दीदार बन जाता है;
जब होता है नशा मोहब्बत का;
तो अक्सर आईना भी ख्वाब बन जाता है।
इत्तेफ़ाक़ से यह हादसा हुआ है;
चाहत से मेरा वास्ता हुआ है;
दूर रह कर बड़ा बेताब था दिल;
पास आ कर भी हाल बुरा हुआ है।
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही;
अब रातों को जागना अच्छा लगता है;
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं;
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है।
न आज लुत्फ़ कर इतना कि कल गुज़र न सके;
वह रात जो कि तेरे गेसुओं की रात नहीं;
यह आरजू भी बड़ी चीज़ है मगर हमदम;
विसाले यार फकत आरजू की बात नहीं।
आपसे दूर भला हम कैसे रह पाते;
दिल से आपको कैसे भुला पाते;
काश कि आप इस दिल के अलावा आईने में भी रहते;
देखते जब आइना खुद को देखने को तो वहाँ भी आप ही नज़र आते।
चाहतों ने किया मुझ पे ऐसा असर;
जहाँ देखूं मैं देखूं तुझे हमसफ़र;
मेरी खामोशियाँ भी जुबान बन गयी;
मेरी बेचैनियां इश्क़ की दास्तान बन गयी।
आप को देख कर यह निगाह रुक जाएगी;
ख़ामोशी अब हर बात कह जाएगी;
पढ़ लो अब इन आँखों में अपनी मोहब्बत;
कसम से सारी कायनात इसे सुनने को थम जाएगी।
ना मैं ख्याल में तेरे ना मैं गुमान में हूँ;
यकीन दिल को नहीं है कि इस जहान में हूँ;
खुदाया रखियेगा दुनिया में सरफ़राज़ मुझे;
मैं पहले इश्क़ के, पहले इम्तिहान में हूँ।
रूठी हो अगर ज़िंदगी तो मना लेंगे हम;
मिले जो गम अगर वो भी सह लेंगे हम;
बस आप रहना हमेशा साथ हमारे तो;
निकलते हुए आँसुओं में भी मुस्कुरा लेंगे हम।
यूँ नज़रों से आपने बात की और दिल चुरा ले गए;
हम तो समझे थे अजनबी आपको;
पर दे कर बस एक मुस्कुराहट अपनी;
आप तो हमें अपना बना गए।
इश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता है;
दीदार-ए-यार भी खुदा का दीदार बन जाता है;
जब होता है नशा मोहब्बत का;
तो अक्सर आईना भी ख्वाब बन जाता है।
इत्तेफ़ाक़ से यह हादसा हुआ है;
चाहत से मेरा वास्ता हुआ है;
दूर रह कर बड़ा बेताब था दिल;
पास आ कर भी हाल बुरा हुआ है।
मुझे भी अब नींद की तलब नहीं रही;
अब रातों को जागना अच्छा लगता है;
मुझे नहीं मालूम वो मेरी किस्मत में है या नहीं;
मगर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है।