Hanuman Jee Shayari
पहने लाल लंगोट
हाथ में है सोटा
दुश्मन का करते हैं नाश
भक्तों को नहीं करते निराश
प्रभु मुझ पर दया करना
मैं तो आया हूँ शरण तिहारी
तेरी प्यारी सी मनभावन मूरत
जब-जब देखूं मैं जाऊं बलिहारी
सदा पूरी तुम मेरी हर इक आस करना
हनुमान बाबा मुझे न निराश करना
तेरी भक्ति से आत्मा को मिलता आराम है
सबसे बड़ा मन्त्र जय हनुमान जय श्री राम है
हे हनुमान तुम हो सबसे बेमिसाल
तुमसे आँख मिलाये किसकी है मजाल
सूरज को पल में निगला अंजनी के लाल
मूरत तेरी देखकर भाग जाये काल
बजरंगी तेरी पूजा से हर काम होता है
दर पर तेरे आते ही दूर अज्ञान होता है
राम जी के चरणों में ध्यान होता है
इनके दर्शन से बिगड़ा हर काम होता है
अंजनी के लाल मैं पानी, तुम हो चन्दन
हे महाबीर तुमको कहते दुःख-भंजन
इस जग के नर-नारी सब शीश झुकाते हैं
नाम बड़ा है तेरा सब गुण तेरे गाते हैं
जला दी लंका रावण की मैया सीता को लाये तुम
पड़ी जब मुश्किल राम में लक्ष्मण को बचाए तुम
आओ अब आ भी जाओ पवन पुत्र हम तुम्हे बुलाते हैं
अब तो दे दो दर्शन भगवन ज्योत हम जलाते हैं
निराश मन में आशा तुम जागते हो
राम जी के नाम को सबको सुनाते हो
पर्वत जैसी निश्चलता है अंदर तुम्हारे
नर्म धूप की कोमलता है अंदर तुम्हारे
हनुमान तुम बिन राम हैं अधूरे
करते तुमभक्तों के सपने पूरे
माँ अंजनी के तुम हो राजदुलारे
राम-सीता को लगते सबसे प्यारे
जिनके मन में है श्री राम
जिनके तन में हैं श्री राम
जग में सबसे हैं वो बलवान
ऐसे प्यारे न्यारे मेरे हनुमान
लाल रंग है तन
में श्री राम बसे उनके मन में
प्रेम गीत गए जो नाम राम का
है हनुमान वो जो झुके राम के चरण में
बजरंग जिनका नाम है।
सत्संग जिनका काम है।
ऐसे हनमंत लाल को मेरा बारम्बार प्रणाम है ।।
पवन पुत्र जिनका नाम है
तिरुपति जिनका धाम है
स्वामी जिनके राम है
बड़े वो भक्त महान है
जिनके सीने में श्री राम है
जिनके चरणों में धाम है
जिनके लिए सब कुछ दान है
अंजनी पुत्र वो हनुमान है
ऐसे मारुती नंदन को
सौ सौ बार प्रणाम है
सौ सौ बार प्रणाम है
जिनको श्रीराम का वरदान है
गदा धारी जिनकी शान है
बजरंगी जिनकी पहचान है
संकट मोचन वो हनुमान है