Aa Jao Kuch Badiya Sunati Hun
aa jao kuch badiya sunati hun jisme apko dard,sad,apnapan,bachpan ka pyar,romantic ka ehsaas hoga
ख़त जलाये नहीं आज भी है,
पहली मुलाकात की यादें आज भी है,
भले ही दिल तोड़ दिया उसने
बेइंतिहा मुहब्बत उससे आज भी है।
तुम भी होगे मिलने को बेकरार देख लेना।
तुम भी करोगे इश्क का इजहार देख लेना।
रात को उठ उठकर तस्वीर देखा करोगे,
यादें मेरी आयेगी तुम यार देख लेना।
दुःख दिल से हटता क्यों नहीं,
दर्द मन में छुपता क्यों नहीं।
जब भी शायरी लिखू ,
आँसू आँख में रूकता क्यों नहीं ।
गली का बच्चा बच्चा जानता है
खुद को इस तरह बदनाम रखते है।
जरा सी नजर मेरी तरफ भी डालो
हम तेरे आशिकी का इन्तेज़ार करते है।
सपनो में रहोगे तो
अपना बनाऊँगी कैसे
तुम दूर रहोगें तो
पास बुलाऊंगी कैसे
अपनों को तो भूल चुके हो
और किसे तुम याद करोगे
लूट के मेरी दुनिया तुम
कैसे खुद को आबाद करोगे
सुनो कुछ कहती हूँ जरा गौर से सुनलो
आज हूँ तो कोई कदर नही
जब न रहूँगी तो याद करोगे
मेरा आज कोई कीमत नहीं
फिर हमसें तुम फरियाद करोगे
वो सूरज की तरह आग उगलते रहे,
हम तो मुसाफिर ठहरे,
वो बीते वक़्त थे, उन्हें आना न था,
हम उनकी याद में तड़पते रहे।
मोहब्बत को मजबूरी का नाम क्यों दे देते हो,
हकीकत को हादसों क्यों बना देते हो,
अगर दिल में प्यार उसके लिए तो,
उसे दोस्ती का नाम क्यों दे देते हो।
अपना समझते हो तो छोड़ के ना जाते
औरों के बाहों में छोड़ के ना आते